सुबह
मेरे घर रोज़ एक नई सुबह आती है,
जिंदगी हर रोज़ मुझे कुछ नया सिखाती है.
सूरज की पहली किरण राह कई दिखाती है,
घने अंधेरे को चीरती रोशनी नई फैलाती है.
चहचहाते पंछी उत्साह मनका बढ़ाते है,
रहो मुश्किल मे भी खुश, यह संदेश दे जाते है.
नन्ही सी चिड़िया दाना ले खुश हो जाती है,
रखो ज़रूरते कम, यह सिखला जाती है.
मंद मंद बहती हवा, मन ही मन मुस्काती है,
बढ़ते रहो हमेशा, यह गुनगुनाते जाती है.
गौर से देखो तो हर दिन निराला है,
कभी खुशी कभी गम, एसा जीवन का खेला है.
१६. नवेंबर २०११